Bhagwat Geeta in Hindi PDF Download 2023–
Bhagwat Geeta का निर्माण
Bhagwat Geeta जी जिसे भारतीय लोक गीता जी के नाम से भी मानते हैं। यह महाभारत के महायुद्ध जो कुरुक्षेत्र में हुआ था। उसके समय की है इस ग्रंथ को महान कभी भेदभाव जी द्वारा संस्कृत भाषा में लिखा गया था। महाभारत एक प्राचीन भारतीय ऐतिहासिक महाकाव्य और इसका युद्ध भगवत गीता का महत्व पूर्ण संदर्भ था।
प्राचीन भारतीय संस्कृति की महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक, “भगवद गीता जी” हमारे समय से लगभग 5000 वर्ष पुरानी है। भगवद गीता जी, महाभारत युद्ध के समय भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दी गई उपदेशों का संग्रह है। यह ग्रंथ हिंदू धर्म के अनमोल रत्नों में से एक है, जिसमें जीवन के अनेक पहलू विस्तार से वर्णित हैं।
भगवत गीता जी में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को अपने धर्म के प्रति समझाया था और उन्होंने अर्जुन को जीवन के सभी पहलुओं पर विचार करने के लिए प्रेरित किया था जिससे कि अर्जुन होने वाले युद्ध को लड़ सके क्योंकि इससे पहले अर्जुन अपने भाइयों के बरतिया युद्ध नहीं लेना चाहता था
भगवत गीता में ज्ञान योग योग योग और राजा के सिद्धांतों पर विस्तार से चर्चा की गई है जो एक जीवन जीने के मार्ग को उपदेश देता है। श्री कृष्ण जी ने यह संदेश अर्जुन को सुन आए थे और उसे प्रेरित किया था अपने जीवन को सभी संघर्षों के साथ सहन करने के लिए उनका सामना करने के लिए।
गीता जी एक महान ग्रंथ है। जो कि हमेशा से ही हिंदू धर्म का और मानव समाज का मार्गदर्शन करता आया है। गीता जी के आधुनिकता और विश्वासघात के कारण सभी देश और विश्व भर में चर्चा का कारण बन रही है।
इसके उपदेश आज भी मानवता के लिए मार्गदर्शन के रूप में उपयोग में लिए जाते हैं। लोग इसे अपने जीवन में अमल करते हैं। और इसके सभी पहलुओं को अपने जीवन से जोड़कर देखते हैं। गीता जी को वेदांत दर्शन का सार कहा जाता है। क्योंकि इसमें सभी वेद पुराणों का ज्ञान मिलता है। जिसमें विश्व का भगवान से साकार और निराकार स्वरूप और आत्मा के महत्व का वर्णन है।
Bhagwat Geeta in Hindi PDF Overview
PDF Name | Bhagwat Geeta in Hindi PDF | श्रीमद्भगवद्गीता |
Total Pages | 1299 |
PDF Size | 8.05 MB |
Language | Hindi, Sanskrit |
Category | Spirituality |
Source | Available ✔ |
Formate | PDF Formate |
श्रीमद्भागवत गीता के अध्याय | Bhagwat Geeta in Hindi pdf
श्रीमद्भागवत गीता जी को कहीं अध्याय में बांटा गया है इनमें से कुछ विशेष एवं महत्वपूर्ण अध्ययन यहां लिखें गए हैं:
अध्याय 1: विषाद योग
गीता जी के इस अध्याय में शुरुआत होती है। जिसमें धर्म राष्ट्र अपनी बहनों के साहित्य और हो और पांडवों की युद्ध को देखने के लिए वर्णन करते हुए बताते हैं इस अध्याय में बताया गया है। कि अर्जुन शुरुआत के दिनों में किसी युद्ध से लड़ने के लिए इंकार करता है। एवं विश्वास किया करता है।
अर्जुन अपने भाइयों के साथ यह युद्ध नहीं करना चाहता एवं अपने हक की लड़ाई को लड़ने से इंकार करता है। इसके बारे में इस अध्याय में संपूर्ण चर्चा की गई है। एवं श्री कृष्ण द्वारा बताए गए ज्ञान को भी इस अध्याय में लिया गया है।
अध्याय 2: सांख्य योग
अध्याय-2 में कुल 72 श्लोक हैं। इस अध्याय में श्री कृष्ण जी ज्ञान का प्रदान करते हुए अर्जुन को समझाते हैं कि धर्म और कर्म के बीच संबंध क्या होता है। एवं उसकी चर्चा करते हैं उन्होंने साथियों के माध्यम से जीवन के मूल्य और उद्देश्य की महत्वपूर्ण बातें बताई है। जो अर्जुन के जीवन को बताती हैं एवं संपूर्ण मनुष्य को उनका पालन भी करना चाहिए।
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